बृहस्पतिदेव की कथा करनी का सुख तेरे हाथों, शिव के हाथों में परिणाम, शिव के हाथों में परिणाम किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥ अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa