अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, https://shivchalisalyricsaarti53524.wikidank.com/918062/indicators_on_shiv_chalisa_lyrics_in_bengali_you_should_know